अंजान था मैं प्यार के रास्तों से
तुमने दिखाकर, चलना सिखाया
सपनों मैं भी कभी सोचा न था
ऐसी मनिल तुमने दिखाया
साथ देकर अपनी, किया मुझपे एहसान
भूल किये सफ़र में, तो माफ़ करना
आखिर हम भी है इन्सान
तेरी माफ़ करने कि अदा पे होगया तुमपे कुर्बान
तुमने दिखाकर, चलना सिखाया
सपनों मैं भी कभी सोचा न था
ऐसी मनिल तुमने दिखाया
साथ देकर अपनी, किया मुझपे एहसान
भूल किये सफ़र में, तो माफ़ करना
आखिर हम भी है इन्सान
तेरी माफ़ करने कि अदा पे होगया तुमपे कुर्बान
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